सम्पूर्ण रामायण - बालकाण्ड (5) ताड़का वध

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स्त्री के रूप में ताड़का एक घोर पाप है और पाप को नष्ट करने में कोई पाप नहीं होता। हे राम तुम इस पापिनी का संहार कर दो।  प्रातःकाल स्नान, सन्ध्योपासनादि ...

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